बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार ।। सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥ चारों जुग परताप तुह्मारा । तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२॥ सहस बदन तुह्मारो जस गावैं । यह भी पढ़ें इंदौर के https://rowanxfxbi.theobloggers.com/41220485/what-does-hanuman-chalisa-mean