धूप देय अरु जपै हमेशा, ताके तन नहिं रहै कलेशा । लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे । लाये संजिवन प्राण उबारे ॥ तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥ हनुमान चालीसा लिरिक्स स्वयं गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखे हैं, जो कि https://devinctiym.weblogco.com/32888299/not-known-facts-about-hanuman-mantra