मोहब्बत छोड़ देंगे या मोहब्बत ही करेंगे लोग। आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो हजारों लोग हैं मगर कोई उस जैसा नहीं है। मियाँ ये आशिक़ी इज़्ज़त बिगाड़ देती है…” “शाख़ों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं हैं हम तिरी ख़ुशबू मिरी चादर से नहीं जाती है…” Your https://youtu.be/Lug0ffByUck